पुस्तक का विवरण (Description of Book of सफलता की राह / Safalta Ki Raah PDF Download) :-
नाम 📖 | सफलता की राह / Safalta Ki Raah PDF Download |
लेखक 🖊️ | डॉ. गौरव गर्ग / Dr. Gaurav Garg |
आकार | 2.1 MB |
कुल पृष्ठ | 88 |
भाषा | Hindi |
श्रेणी | प्रेरणादायक / Motivational |
Download Link 📥 | Working |
डॉ गौरव गर्ग एक अनुभवी शिक्षक हैं जिन्होंने शिक्षा के प्रति अपना जीवन समर्पित किया हुआ है।
2015 में उन्होंने Study IQ ऑनलाइन मंच की स्थापना की और आज इस मंच के साथ लगभग लगभग एक करोड़ विद्यार्थी जुड़े हुए हैं।
अपने शैक्षिक जीवन में वह विद्यार्थियों की अनेकों समस्याओं से अवगत हुए। यह समस्याएँ बहुत ही आम हैं और लगभग हर विद्यार्थी इनसे जूझता है, कुछ विद्यार्थी इन समस्याओं से लड़कर आगे निकल जाते हैं लेकिन बहुत से इनमें उलझकर भटक जाते हैं।
इस किताब को लिखने का उनका अभिप्राय ज़्यादा से ज़्यादा विद्यार्थियों को राह दिखाना है जिससे वो अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें।
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पुस्तक का कुछ अंश
सही आचरण इतना ज़रूरी क्यों है? किस तरह का व्यवहार एक विद्यार्थी का होना चाहिए?
आपकी सफलता की नींव आचरण पर ही टिकी होती है। सबसे पहला गुण जो आपको अपने अंदर धारण करना है वो है "चुप रहना सीखना"।
जितना चुप रहोगे उतनी ऊर्जा बचेगी, उतना ही दिमाग में अन्य बातों के लिए स्थान बनेगा। चुप रहने से दिमाग की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है। हर समय बोलते रहने से दिमाग की सोचने और समझने की शक्ति कम होने लगती है। अपना दोस्तों का दायरा कम करो। ज़्यादा रिश्तेदारों से मत मिलो, बहुत ज्यादा सामाजिक कार्यक्रम जैसे शादी, जन्मदिन आदि में मत सम्मिलित हो। इससे आपका समय भी बचेगा और ऊर्जा भी।
एक सूत्र आपको देता हूँ, एक बार मैंने एक विद्यार्थी से पूछा, कितने साल से तैयारी कर रहे हो? उसने जवाब दिया कि 5 साल से। उसने मुझसे निवेदन किया कि मैं उसे कोई युक्ति बताऊँ जिससे वह जीवन में कुछ पा सके। मैंने पूछा कि कल तुम क्लास के पहले एक घंटे तक फ़ोन पर बातचीत किसके साथ कर रहे थे? उसने बताया कि वह अपने एक पुराने स्कूल के दोस्त से बात कर रहा था। इसी तरह वो बहुत सारे दोस्तों से बात करता है, मैंने अक्सर उसे फ़ोन पर समय नष्ट करते हुए देखा है। मैंने उसे यह सूत्र दिया कि मिनट बचाओगे तो घंटे बचेंगे, घंटे बचाओगे तो दिन बचेंगे, दिन बचाओगे तो महीने बचेंगे और महीने बचाओगे तो साल बचेंगे। अगर साल बचाने हैं तो मिनटों की इज़्ज़त करना सीखो, अपने समय के मूल्य को पहचानो। जब भी आप व्यर्थ के कामों में अपना समय नष्ट करो तो यह सूत्र हमेशा याद रखना।
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कोई भी परीक्षा सिर्फ आपके ज्ञान का आकलन नहीं करती, साथ ही साथ आपके व्यक्तित्व का आकलन भी करती है।
यह ज़रूरी नहीं कि व्यक्तित्व का आकलन सिर्फ इंटरव्यू, group discussion या personality test के द्वारा ही हो। एक आम परीक्षा जिसमें सिर्फ लिखित रूप से प्रश्न और उत्तर आते हैं, वो भी आपके व्यक्तित्व का आकलन करती है। एक गुण जिसे विद्यार्थी को अपने अंदर अवशोषित करना चाहिए वह है मानसिक दृढ़ता। इसके अभाव में तनाव उत्पन्न होता है, भय उत्पन्न होता है, अपनी प्रतिभा पर व्यक्ति हमेशा शक करता है और एक मानसिक उथल पुथल उसे हमेशा परेशान करती रहती है।
क्या एग्ज़ाम की चिंता करना पूरी तरह से खराब है? नहीं। जब तक थोड़ा बहुत भय आपके अंदर नहीं होगा, आप क्यों पढ़ोगे? थोड़ा सा तनाव ज़रूरी है, यह आपकी क्षमता को बढ़ाता है, इस भय को अपना मित्र मानिये। समस्या वहां आती है जब आप एक सीमा से ज़्यादा तनाव लेते हैं, तब यह आपके जीवन पर दुष्प्रभाव डालने लगता है। जैसे जैसे परीक्षा नज़दीक आती है वैसे वैसे आपका तनाव बढ़ता जाता है। समस्या यह है कि तनाव या चिंता आपको मानसिक रूप से थका देती है। परीक्षा से दो से तीन हफ्ते पहले ही थकान महसूस होने लगती है और सबसे महत्वपूर्ण समय व्यर्थ हो जाता है। मन में एक ही विचार आता है, कि अब मैं और तनाव नहीं ले सकता, बस परीक्षा ख़त्म हो जाए चाहे जैसी भी हो। यानी आपका पूरे साल का परिश्रम कुछ हफ़्तों की वजह से मिट्टी में मिल सकता है।
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चार साल से तैयारी कर रहा हूँ, कामयाबी नहीं मिल रही, सर मार्गदर्शन करें, क्या करना चाहिए?
यह सवाल मुझसे अक्सर पूछा जाता है। फर्क इतना है कोई 3 साल बोलता है कोई 4 साल और कोई उससे भी ज़्यादा। लेकिन मैं इस सवाल को सही नहीं मानता। यह सवाल ग़लत है। सही सवाल सबसे पहले आपको अपने आप से करना है। और वो यह कि मेरे पिछले दो attempts में मैंने क्या बदलाव किए? मेरे दो असफल प्रयासों के बीच क्या बदला? कहीं मैं बार बार वही सब गलतियाँ तो नहीं कर रहा?
क्या पता आप बार बार असफल इसीलिए हो रहे हैँ कि आपको जो विषय पसंद हैं आप उन्हें पढ़ लेते हैँ और जिनसे डर लगता है वो नहीं पढ़ते। और अगर यह सच है तो आप अगले दस साल भी तैयारी कर लें तो भी कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके concepts clear ही नहीं हैं। किसी ने आपको कह दिया कि सिर्फ सवाल कर लो और बात बन जाएगी और आप हर बार सिर्फ MCQ रटके जाते हैँ इस उम्मीद में कि परीक्षा के सवाल उन्ही में से आ जाए।
क्या पता आप सिर्फ आसान-आसान चीज़ें पढ़ लेते हैँ और अपने आपको convince कर लेते हैँ कि आप बहुत मेहनत कर रहे हैँ? हार्ड वर्क सब बोलते हैं कि वो करते हैं पर मैंने यह देखा है कि असल में कोई कोई ही करता है। परम संत आचार्य शर्मा जी की पंक्ति याद रखिये, "असफलता सिर्फ यह सिद्ध करती है कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं किया गया"।
अब मैं आपको यह बताता हूँ कि पहली असफलता के बाद क्या करें?
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सबसे पहले यह देखें कि आप कितने नंबर से रह गए। अगर गैप बहुत ज़्यादा है तो साफ़ है कि तैयारी थी ही नहीं। अगर गैप कम है तो यह देखें की नंबर कहाँ कम आये और इसका क्या कारण था। इसीलिए कम आये कि प्रश्न आपकी पहुँच से दूर था, बहुत मुश्किल था या इसीलिए कि आपने अनदेखी की या इसीलिए कि पेपर छूट गया। आप को इन तीन कारणों को आधार बनाकर रणनीति बनानी है।
डाउनलोड लिंक (सफलता की राह / Safalta Ki Raah PDF Download) नीचे दिए गए हैं :-
हमने सफलता की राह / Safalta Ki Raah PDF Book Free में डाउनलोड करने के लिए लिंक नीचे दिया है , जहाँ से आप आसानी से PDF अपने मोबाइल और कंप्यूटर में Save कर सकते है। इस क़िताब का साइज 2.1 MB है और कुल पेजों की संख्या 88 है। इस PDF की भाषा हिंदी है। इस पुस्तक के लेखक डॉ. गौरव गर्ग / Dr. Gaurav Garg हैं। यह बिलकुल मुफ्त है और आपको इसे डाउनलोड करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह किताब PDF में अच्छी quality में है जिससे आपको पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आशा करते है कि आपको हमारी यह कोशिश पसंद आएगी और आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ सफलता की राह / Safalta Ki Raah को जरूर शेयर करेंगे। धन्यवाद।।Answer. डॉ. गौरव गर्ग / Dr. Gaurav Garg
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