पुस्तक का विवरण (Description of Book of परती : परिकथा / Parati : Parikatha PDF Download) :-
नाम 📖 | परती : परिकथा / Parati : Parikatha PDF Download |
लेखक 🖊️ | फणीश्वरनाथ रेणु / Phanishwar Nath Renu |
आकार | 23.2 MB |
कुल पृष्ठ | 338 |
भाषा | Hindi |
श्रेणी | उपन्यास / Upnyas-Novel, कहानी |
Download Link 📥 | Working |
परती परिकथा एक उपन्यास है जिसके रचयिता फणीश्वर नाथ रेणु हैं। मैला आँचल के बाद यह रेणु का दूसरा आंचलिक उपन्यास है। इस उपन्यास के साथ ही हिंदी साहित्य जगत दो भागों में विभक्त हो गया: पहला वर्ग तो इसको मैला आँचल से भी बेहतर उपन्यास मानता था, वहीँ, दूसरा वर्ग इसे उपन्यास ही नहीं मानता था। सच में अगर उपन्यास के पारंपरिक मानकों से देखा जाये तो परती परिकथा में काफी अलगाव दिखेगा।
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पुस्तक का कुछ अंश
धूसर, वीरान, अन्तहीन प्रान्तर ।
पतिता भूमि, परती जमीन, वन्ध्या धरती । I
धरती नहीं, धरती की लाश, जिस पर कफन की तरह फैली हुई हैं बालूचरों की पंक्तियाँ। उत्तर नेपाल से शुरू होकर, दक्षिण गंगातट तक, पूर्णिया जिले के नक्शे को दो असम भागों में विभक्त करता हुआ-फैला-फैला यह विशाल भूभाग। लाखों एकड़ भूमि, जिस पर सिर्फ बरसात में क्षणिक आशा की तरह दूब हरी हो जाती है।
सम्भवतः तीन-चार सौ वर्ष पहले इस अचल में कोसी मैया की यह महाविनाश-लीला हुई होगी। लाखों एकड़ जमीन को अचानक लकवा मार गया होगा। एक विशाल भू-भाग, हठात् कुछ-से-कुछ हो गया होगा। सफेद बालू से कूप, तालाब, नदी-नाले पट गये। मिटती हुई हरियाली पर हल्का बादामी रंग धीरे-धीरे छा गया।
कच्छपपृष्ठसदृश भूमि ! कछुआ-पीठा जमीन ? तन्त्रसाधकों से पूछिए, ऐसी धरती
के बारे में वे कहेंगे-असल स्थान वही है जह· बैठकर सबकुछ साधा जा सकता है।
कथा है।
डाउनलोड लिंक (परती : परिकथा / Parati : Parikatha PDF Download) नीचे दिए गए हैं :-
हमने परती : परिकथा / Parati : Parikatha PDF Book Free में डाउनलोड करने के लिए लिंक नीचे दिया है , जहाँ से आप आसानी से PDF अपने मोबाइल और कंप्यूटर में Save कर सकते है। इस क़िताब का साइज 23.2 MB है और कुल पेजों की संख्या 338 है। इस PDF की भाषा हिंदी है। इस पुस्तक के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु / Phanishwar Nath Renu हैं। यह बिलकुल मुफ्त है और आपको इसे डाउनलोड करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह किताब PDF में अच्छी quality में है जिससे आपको पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आशा करते है कि आपको हमारी यह कोशिश पसंद आएगी और आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ परती : परिकथा / Parati : Parikatha को जरूर शेयर करेंगे। धन्यवाद।।Answer. फणीश्वरनाथ रेणु / Phanishwar Nath Renu
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