पुस्तक का विवरण (Description of Book of पाकिस्तान मेल / Pakistan Mail / A Train to Pakistan PDF Download) :-
नाम 📖 | पाकिस्तान मेल / Pakistan Mail / A Train to Pakistan PDF Download |
लेखक 🖊️ | खुशवन्त सिंह / Khushwant Singh |
आकार | 2.1 MB |
कुल पृष्ठ | 93 |
भाषा | Hindi |
श्रेणी | उपन्यास / Upnyas-Novel, ऐतिहासिक |
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पाकिस्तान मेल भारत-विभाजन की त्रासदी पर केंद्रित पाकिस्तान मेल सुप्रसिद्ध अंग्रेजी उपन्यासकार खुशवंत सिंह का अत्यंत मूल्यवान उपन्यास है। सन् 1956 में अमेरिका के ‘ग्रोव प्रेस एवार्ड’ से पुरस्कृत यह उपन्यास मूलतः उस अटूट लेखकीय विश्वास का नतीजा है, जिसके अनुसार अंततः मनुष्यता ही अपने बलिदानों में जीवित रहती है। घटनाक्रम की दृष्टि से देखें तो 1947 का भयावह पंजाब! चारों ओर हजारों-हजार बेघर-बार भटकते लोगों का चीत्कार! तन-मन पर होनेवाले बेहिसाब बलात्कार और सामूहिक हत्याएँ! लेकिन मजहबी वहशत का वह तूफान मनो-माजरा नामक एक गाँव को देर तक नहीं छू पाया; और जब छुआ भी तो उसके विनाशकारी परिणाम को इमामबख्श की बेटी के प्रति जग्गा के बलिदानी प्रेम ने उलट दिया। उपन्यास के कथाक्रम को एक मानवीय उत्स तक लाने में लेखक ने जिस सजगता का परिचय दिया है, उससे न सिर्फ उस विभीषिका के पीछे क्रियाशील राजनीतिक और प्रशासनिक विरूपताओं का उद्घाटन होता है, बल्कि मानव-चरित्र से जुड़ी अच्छाई-बुराई की परंपरागत अवधारणाएँ भी खंडित हो जाती हैं। इसके साथ ही उसने धर्म के मानव-विरोधी फलसफे और सामाजिक बदलाव से प्रतिबद्ध बौद्धिक छद्म को भी उघाड़ा है। संक्षेप में कहें तो अंग्रेजी में लिखा गया खुशवंत सिंह का यह उपन्यास भारत-विभाजन को एक गहरे मानवीय संकट के रूप में चित्रित करता है; और अनुवाद के बावजूद उषा महाजन की रचनात्मक क्षमता के कारण मूल-जैसा रसास्वादन भी कराता है।
पुस्तक का कुछ अंश :-
1947 की गर्मी अन्य भारतीय गर्मियों की तरह नहीं थी। उस साल भी भारत में मौसम का अलग ही अहसास था। यह सामान्य से अधिक गर्म था, और ड्रिपर और डस्टर। और गर्मी
लंबी थी। कोई भी याद नहीं कर सकता था कि कब मानसून इतनी देर से आया। हफ्तों के लिए, विरल बादलों ने केवल छाया डाली। बारिश नहीं हुई थी। लोग कहने लगे कि भगवान उन्हें उनके पापों की सजा दे रहे हैं।
उनमें से कुछ के पास यह महसूस करने का अच्छा कारण था कि उन्होंने पाप किया था। गर्मियों से पहले, सांप्रदायिक दंगे, देश के प्रस्तावित विभाजन की हिंदू हिंदू और मुस्लिम पाकिस्तान की रिपोर्टों से उपजे, कलकत्ता में टूट गए थे, और कुछ महीनों के भीतर मृत्यु दर
कई हजार तक बढ़ गई थी। मुसलमानों ने कहा कि हिंदुओं ने योजना बनाई और हत्या शुरू कर दी। हिंदुओं के अनुसार, मुसलमानों को दोष देना था। तथ्य यह है कि, दोनों पक्ष मारे गए। दोनों ने गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए। दोनों तड़पते रहे। दोनों ने
बलात्कार किया। कलकत्ता से, दंगे उत्तर और पूर्व और पश्चिम में फैल गए: पूर्वी बंगाल के नोआखली में, जहां मुसलमानों ने हिंदुओं का नरसंहार किया; बिहार में, जहाँ हिंदुओं ने मुसलमानों का नरसंहार किया। मुल्लाओं ने पंजाब और फ्रंटियर प्रांत में घूमते हुए मानव खोपड़ी के बक्से के साथ कहा कि वे बिहार में मारे गए मुसलमानों के हैं। उत्तर पश्चिमी सीमांत पर सदियों से रहने वाले सैकड़ों हिंदू और सिख अपने घरों को त्याग कर पूर्व में मुख्य रूप से सिख और हिंदू समुदायों की सुरक्षा की ओर भाग गए। वे पैदल, बैलगाड़ी में, लॉरी में लिपटे, गाड़ियों के किनारों और छतों पर चढ़ गए। रास्ते के साथ - साथ , चौराहे
पर, रेलवे स्टेशनों पर - वे पश्चिम में सुरक्षा की ओर भाग रहे मुसलमानों के आतंक भरे झुंडों से टकरा गए। दंगे एक हद हो गई थी। 1947 की गर्मियों तक, जब पाकिस्तान के नए राज्य के गठन की औपचारिक रूप से घोषणा की गई थी, दस मिलियन लोग-मुस्लिम और हिंदू और सिख- उड़ान में थे । जब तक मानसून टूटा, तब तक उनमें से लगभग एक लाख लोग मर चुके थे, और पूरे उत्तर भारत में हथियार, आतंक में, या छिपने में थे। शांति की एकमात्र शेष सीमा सीमांत की सुदूर पहुंच में खो गए छोटे गांवों का बिखराव था। इनमें से एक गाँव था मनो माजरा।
डाउनलोड लिंक (पाकिस्तान मेल / Pakistan Mail / A Train to Pakistan PDF Download) नीचे दिए गए हैं :-
हमने पाकिस्तान मेल / Pakistan Mail / A Train to Pakistan PDF Book Free में डाउनलोड करने के लिए लिंक नीचे दिया है , जहाँ से आप आसानी से PDF अपने मोबाइल और कंप्यूटर में Save कर सकते है। इस क़िताब का साइज 2.1 MB है और कुल पेजों की संख्या 93 है। इस PDF की भाषा हिंदी है। इस पुस्तक के लेखक खुशवन्त सिंह / Khushwant Singh हैं। यह बिलकुल मुफ्त है और आपको इसे डाउनलोड करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह किताब PDF में अच्छी quality में है जिससे आपको पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आशा करते है कि आपको हमारी यह कोशिश पसंद आएगी और आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ पाकिस्तान मेल / Pakistan Mail / A Train to Pakistan को जरूर शेयर करेंगे। धन्यवाद।।Answer. खुशवन्त सिंह / Khushwant Singh
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