मानो कल ही की बात है | Mano Kal Hi Ki Baat Haiy PDF Download Free in this Post from Telegram Link and Google Drive Link in Hindi
पुस्तक का विवरण (Description of Book मानो कल ही की बात है | Mano Kal Hi Ki Baat Haiy PDF Download) :-
नाम : | मानो कल ही की बात है | Mano Kal Hi Ki Baat Haiy Book PDF Download |
लेखक : | रविंदर सिंह / Ravinder Singh |
आकार : | 33.3 MB |
कुल पृष्ठ : | 69 |
श्रेणी : | उपन्यास / Upnyas-Novel, रोमांटिक / Romantic |
भाषा : | हिंदी | Hindi |
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मैं अपनी पत्नी खुशबू का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिसने इस कहानी को लिखने की यात्रा के दौरान हमेशा मेरा साथ दिया; और जब भी मैं लिखने के दौरान कहीं फंसा तो उसने कुछ अच्छे सुझाव दिए। हम किस तरह से साथ साथ हंसे जब तुमने राजधानी दिल्ली के अपने स्कूल के दिनों की कहानियां सुनाई, और मैंने उसके कुछ विषय उठाकर उनको सुदूर बुर्ला के अपने स्कूल के दिनों के साथ जोड़ा। मैं वैशाली माथुर, सीनियर कमीशनिंग एडिटर, पेंगुइन बुक्स इंडिया, का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं, जो मेरी रचनाओं के साथ हमेशा खड़ी रहीं और उसे और भी बेहतर बनाया; और जिस तरह से मुझसे अध्याय पाने के लिए उन्होंने धैर्य दिखाया और हैं, आप मेरी किताबों के ऊपर जिस तेज़ी से काम करती हैं। सचमुच, बिना आपके, यह स्वप्न पुस्तक संभव नहीं हो सकती थी ।
मैं अपने संपादक मोनिदीपा मंडल का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि मेरे लेखन के बिखराव के बीच से उन्होंने कुछ तार्किक गलतियों की तलाश की। मुझे उम्मीद है कि हम लोग कभी उन गलतियों का खुलासा करेंगे हम यह बताएंगे कि यह किताब कैसे बनी।[adinserter block=”1″]
I would like to thank my wife Khushboo who has always supported me throughout the journey of writing this story; And he gave some good suggestions whenever I got stuck while writing. How we laughed together when you told stories of your school days in the capital, Delhi, and I picked up some of his themes and related them to my school days in remote Burla. I sincerely thank Vaishali Mathur, Senior Commissioning Editor, Penguin Books India, who has always stood by my writings and made them even better; And the way she is and has been patient to get chapters from me, the speed with which you work on my books. Truly, without you, this dream book would not have been possible.
I would also like to thank my editor, Monidipa Mondal, for spotting some logical errors in my scattered writings. I hope we never open those mistakes
मानो कल ही की बात है | Mano Kal Hi Ki Baat Haiy PDF Download Free, Romantic Hindi PDF Books Download Free
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पुस्तक का कुछ अंश (मानो कल ही की बात है | Mano Kal Hi Ki Baat Haiy PDF Download)
इससे पहले कि आप मेरी इस कृति को पढ़ना शुरू करें और मैं आपको कहानी सुनाना शुरू करूं, मुझे आपका एक मिनट समय चाहिए और इसके लिए शुक्रिया कि आपने अपने मूल्यवान घंटे और दिन मेरे साथ बिताने के लिए चुने इस व्यस्त दुनिया में, जहां सबके पास एक कहानी है, स्टेटस (फेसबुक का) या ट्विट है लोगों को यह बताने के लिए उनके मन में क्या चल रहा है, आप घंटों मेरी कहानी को पढ़ने के लिए चुन रहे हैं यह सराहनीय है। और अगर आप वह हैं जिन्होंने यह तय किया कि आप मेरा उपन्यास मांग कर नहीं, बल्कि खरीद कर पढ़ेंगे और अपने बुकशेल्फ में उसकी निजी प्रति रखेंगे तो आपको एक बार और शुक्रिया! आप वह पैसा मॉल में सिनेमा देखने में खर्च कर सकते थे या फ्रेंच फ्राई और कोला के साथ सैंडविच खाने में खर्च कर सकते थे, लेकिन आपने उस पैसे को खर्च किया मेरी पुस्तक को खरीदने में ताकि मैं लिखता रह सकूं जो मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मैंने इस कहानी को अपने दिल के साथ जोड़ा है और यह उम्मीद करता हूं कि हर पन्ने पर मेरे अनुभवों में आप थोड़ा बहुत अपने आपको भी पाएंगे।
मेरे लिए यह याद करना मज़ेदार रहा जब मैं बच्चा था और स्कूल जाया करता था, मैं बड़ा होना चाहता था और कॉलेज जाना चाहता था और जब मैं बड़ा हुआ और मैंने कॉलेज जाना शुरू किया, तब में नौकरी करना चाहता था और अपने पैसे कमाना चाहता था। और, जबकि इस बात के एक दशक हो गए हैं जब मैंने अपने पैसे कमाने शुरू किये, तो ज़रा अनुमान लगाइए कि मैंने क्या चाहा? मैं अब यह चाहता हूं कि काश मैं समय को पीछे मोड़ सकता और एक बार फिर स्कूल जा पाता। मेरा अभी का जीवन बिलकुल बुरा नहीं है। लेकिन तो भी कुछ है….
कुछ ऐसा जो मुझे समय में पीछे ले जाना चाहता है। कुछ ऐसा जो मुझे इस बात का विश्वास दिलाना चाहता है उस समय उस संतुष्टि का भाव जो अपने पॅकिट मनी बचा लेने से आता था आज अपने पैसे कमाने की खुशी को भी मात देता है। कुछ ऐसा जो मुझे इस बात पर संदेह करने का अवसर देता है कि अपने होमवर्क को पूरा कर लेने की उम्मीद अधिक आसान थी बजाय आज के घर और काम के बीस तरह की उम्मीदों के ।[adinserter block=”1″]
शायद यह इसलिए क्योंकि तमाम अच्छी चीज़ों के बावजूद, जीवन के हर गुज़रते साल ने मेरे कंधे पर और अधिक ज़िम्मेदारियां डाल दी। शायद इसलिए दिमाग में तमाम अच्छे विचारों के अलावा, उसके साथ साथ हज़ारों तरह की चिंताएं चलती रहती हैं। और इन सबकी वजहों से मैं जीवन के उस काल को मिस करने लगता हूं जब मेरा दिमाग़ तमाम तरह की चिंताओं से मुक्त था। जब जीवन की सबसे बड़ी चिंता यह थी कि अगली परीक्षा में अच्छा करना है।
बचपन के दिन बहुत खास होते हैं। मुझे पक्का लगता है कि आपको भी अपने बारे में ऐसा ही लगता होगा। लेकिन मैं समय में पीछे जाने की चाहे जितनी ही कामना कर लूं सच्चाई यह है कि मैं ऐसा नहीं कर सकता। और इसीलिए मैं यह किताब लिख रहा हूं। क्योंकि, ऐसा करने से, मुझे लगता है कि मैं अपने जीवन के उस खंड को फिर से जीने जा रहा हूं—एक बार फिर! इस पुस्तक के पन्नों में मैं उन खुबसूरत, निश्छल, उन्मादी, उत्सुकता से भरे और अपने जीवन के उन यादगार दिनों को कैद कर सकता हूं।
इसलिए यह कहानी उन दिनों के बारे में है जब मोबाइल फोन, इंटरनेट और एटीएम ने हमारे जीवन पर हमला नहीं किया था । यह वह समय था जब दूरदर्शन टीवी सेट पर आने वाला एकमात्र उपलब्ध चैनेल था, और उसके ऊपर जब इतवार के दिन रामायण और महाभारत का प्रसारण होता था तो एक घंटे के लिए सड़कों पर ट्रैफिक कम हो जाता था। जब घर पर फिल्म देखने का मतलब होता था वीडियो प्लेयर और फिल्म के कैसेट किराए पर लिए जाएं। जब अपनी साइकिल होना सबसे बड़ा लक्ष्य होता था। यह वह समय था जब दुकानदारों और खरीदारों के पचीस पैसे लौटना मायने…
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Before you start reading this piece of mine and I start telling you the story, I need a minute of your time and thank you for choosing to spend your valuable hours and days with me in this busy world where everyone has Whether it’s a story, status (of Facebook) or tweet to let people know what’s on their mind, you’re choosing to spend hours reading my story, it’s appreciated. And if you’re the one who decided not to ask for it, you’d buy and read my novel and keep a personal copy on your bookshelf, thank you once again! You could have spent that money at the mall to watch a movie or have a sandwich with french fries and a cola, but you spent that money to buy my book so I could keep writing that means a lot to me Is. I have attached this story to my heart and hope that you can share a little bit of my experiences on each page.
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Amandeep and I looked at each other as tears welled up in his eyes as MP hugged Happy. We remembered how he used to cry when he used to drink while sitting on the watch, when his brain went off and his heart started talking. Amandeep and I used to enjoy his sentimentality while drinking our Coke.
We all stood up, hugged him one by one and then started eating! The food was very tasty that day. Or maybe it was because we were eating together after a long time, which made it special.
After dinner we went to another flat. It was a few floors up in the same building, Happy’s family’s second flat for relatives and friends like us. On our way in, we laughed at one of MP’s jokes and probably laughed even when we were sunk on the big couch in the drawing room. We felt free to look at the ceiling wall with outstretched arms.
no one for a while
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डाउनलोड लिंक (मानो कल ही की बात है | Mano Kal Hi Ki Baat Haiy PDF Download) नीचे दिए गए हैं
हमने मानो कल ही की बात है | Mano Kal Hi Ki Baat Haiy PDF Book Free में डाउनलोड करने के लिए Google Drive की link नीचे दिया है , जहाँ से आप आसानी से PDF अपने मोबाइल और कंप्यूटर में Save कर सकते है। इस क़िताब का साइज 33.3 MB है और कुल पेजों की संख्या 69 है। इस PDF की भाषा हिंदी है। इस पुस्तक के लेखक रविंदर सिंह / Ravinder Singh हैं। यह बिलकुल मुफ्त है और आपको इसे डाउनलोड करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह किताब PDF में अच्छी quality में है जिससे आपको पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आशा करते है कि आपको हमारी यह कोशिश पसंद आएगी और आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ मानो कल ही की बात है | Mano Kal Hi Ki Baat Haiy की PDF को जरूर शेयर करेंगे।
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