पुस्तक का विवरण (Description of Book of मल्हार / Malhaar: Sangram Sindhu Gatha - Part 2 PDF Download) :-
नाम 📖 | मल्हार / Malhaar: Sangram Sindhu Gatha - Part 2 PDF Download |
लेखक 🖊️ | विवेक कुमार / Vivek Kumar |
आकार | 16.9 MB |
कुल पृष्ठ | 222 |
भाषा | Hindi |
श्रेणी | उपन्यास / Upnyas-Novel, पौराणिक |
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‘मल्हार’ की कहानी ठीक वहीं से प्रारंभ होती है, जहाँ प्रथम भाग की समाप्ति हुई थी। दूसरा भाग असुर देश, मुंद्रा, सौराष्ट्र तथा ऊसर की रोमांचक यात्रा करते हुए आगे बढ़ता है, और कई नई घटनाओं के माध्यम से अर्थला के कल्पनातीत संसार को विस्तारित भी करता जाता है। संग्राम-सिंधु गाथा का यह खंड असुरों के व्यापार, उनकी राजनैतिक स्थिति और आगामी युद्ध में उनकी भूमिका के पीछे के कारणों पर प्रकाश डालेगा। अकल्पित युग की यात्रा जारी है।
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पुस्तक का कुछ अंश
उड़ता हुआ विधान राजधानी के उत्तरी द्वार से दूर बहने वाली नदी के तट पर कूदा। यह वही नदी थी, जिसके जलमार्ग से होकर वह राजधानी पहुंचा था। पश्चिम की ओर जा रही नदी कुछ दूर बढ़कर उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ गई थी। फिर दनु बाँस की सीमा रेखा पारकर अगिन क्षेत्र को चीरते हुए अर्थला में प्रवेश कर एक अन्य नदी की शाखा बन जाती थी। संधार और अर्थला के बीच यही एकमात्र व्यापारिक मार्ग था।
नदी तट का यह भाग व्यावसायिक कार्यों के लिए आरक्षित था। अतः भीड़-भाड़ कम थी। जिन लोगों ने उसे आकाश से कूदते देखा; भौचक्के होकर सहम गए।
विधान ने भूमि कटोरा बनाने की प्रक्रिया दोहराई और पुनः उछल गया। हवा में उसका शरीर थरथरा रहा था और धनंजय पर पकड़ ढीली होने की आशंका भी हो रही थी। इस बार नदी को पारकर उड़ता हुआ सूखी घास के समतल मैदान में कूदा। इतनी दूर से नदी तट पर खड़ों नौकाएँ किसी बिंदु की भाँति दिख रही थीं।[adinserter block="1"]
साँस खींचकर पुनः उछाल लो। ऊँचाई पर पहुँचकर कोतूहलवश दृष्टि नीचे गई, तो अधिकांश भूमि प्राणी विहीन एवं तृण रहित बंजर दिखी। दृष्टि सीधी की, तो सूर्य चाँध मार रहा
था।
धनंजय द्वारा बताए गए पूर्व नियोजित मार्ग के अनुसार दनु बाँस की उत्तर-पूर्व सीमा राजधानी से कुछ कोसों की ही थी। पांच अन्य उछालों के पश्चात् वह मध्यम ऊँचाई के वृक्षों वाले बन में कूदा। बन सघन नहीं था। वृक्ष दूर-दूर फैले हुए थे। यहाँ से दनु बाँस की पंक्तिबद्ध सीमा रेखा की झलक मिलने लगी। विधान ने अनुमान लगाया कि आठ से दस उछालों में वहाँ पहुँचा जा सकता है, परंतु ऊर्जा-गांठों में बची ऊर्जा के लिए यह कार्य कठिन होगा। इसके अतिरिक्त
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हमने मल्हार / Malhaar: Sangram Sindhu Gatha - Part 2 PDF Book Free में डाउनलोड करने के लिए लिंक नीचे दिया है , जहाँ से आप आसानी से PDF अपने मोबाइल और कंप्यूटर में Save कर सकते है। इस क़िताब का साइज 16.9 MB है और कुल पेजों की संख्या 222 है। इस PDF की भाषा हिंदी है। इस पुस्तक के लेखक विवेक कुमार / Vivek Kumar हैं। यह बिलकुल मुफ्त है और आपको इसे डाउनलोड करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह किताब PDF में अच्छी quality में है जिससे आपको पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आशा करते है कि आपको हमारी यह कोशिश पसंद आएगी और आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ मल्हार / Malhaar: Sangram Sindhu Gatha - Part 2 को जरूर शेयर करेंगे। धन्यवाद।।Answer. विवेक कुमार / Vivek Kumar
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