इश्क़ मुबारक | Ishq Mubarak PDF Download Free in this Post from Google Drive Link and Telegram Link , कुलदीप राघव / Kuldeep Raghav all Hindi PDF Books Download Free, इश्क़ मुबारक | Ishq Mubarak book Review & Summary
पुस्तक का विवरण (Description of Book इश्क़ मुबारक | Ishq Mubarak PDF Download) :-
नाम : | इश्क़ मुबारक | Ishq Mubarak Book PDF Download |
लेखक : | कुलदीप राघव / Kuldeep Raghav |
आकार : | 1.4 MB |
कुल पृष्ठ : | 98 |
श्रेणी : | रोमांटिक / Romantic, उपन्यास / Upnyas-Novel |
भाषा : | हिंदी | Hindi |
Download Link | Working |
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इश्क़ मुबारक, मेरठ के करीब एक छोटे से गाँव के रहने वाले और गरीबी में पले-बढ़े मीर की ज़िन्दगी के दास्तान है। बचपन में पिता का निधन और फिर जवानी में माँ का साया उठ जाने के बाद, तमाम पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को पार कर मीर रॉकस्टार बनने के सपने को पूरा करता है। इस सफ़र में ज़िन्दगी कई मोड़ लेती है। ये मोड़ पहले तो सुखद अहसास कराते हैं और बाद में ऐसी स्थिति पैदा करते हैं जब वह ख़ुद को शून्य पर खड़ा महसूस करता है। इश्क़ मुबारक, एक सहज प्रेमकथा होते हुए भी आज के समाज को सीख देने वाला उपन्यास है। आज समाज में चाहे या अनचाहे जो कुछ हो रहा है, इश्क़ मुबारक उसे उजागर कर एक सबक़ देने का काम करती है। सब कुछ होते हुए भी ‘कुछ और’ पाने का इरादा किस तरह तीन जिंदगियों को बर्बाद करता है… इश्क़ मुबारक उपन्यास आपको उसी नतीजे को दिखाएगा।.
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पुस्तक का कुछ अंश (इश्क़ मुबारक | Ishq Mubarak PDF Download)
अनुक्रम
- फर्स्ट मीटिंग
- बचपन की दुनिया
- प्यार में झूठ चलता है
- क़रीब आने का एहसास
- दो दिल मिल रहे हैं
- संघर्ष से शिखर
- ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना
- इक प्यार का नग़मा है
- ना पूछो हाल-ए-दिल
- तुम मिले-दिल खिले
- आज फिर जीने की तमन्ना है
- ये दिल बेईमान है
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फर्स्ट मीटिंग
31 दिसंबर 2017
सुबह के क़रीब 7:30 बज रहे थे। देश की राजधानी दिल्ली में सर्दी अपने पूरे जोश और जुनून पर थी। कोहरा इतना घना था कि हाथ भर दूर का आदमी नज़र नहीं आ रहा था। मीर जैसे-तैसे इन्दिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुँचा था। 9:30 बजे की फ़्लाइट से उसे मुम्बई जाना था।
मीर को हमेशा सफर में कॉर्नर वाली सीट चाहिए होती थी। उसे बादलों से प्यार था, वो उड़ता था तो गुनगुनाता था। वो किसी आजाद पंक्षी की तरह था जो मदमस्त चाल चलता है और ऊंचाइयों को पल में छू लेता है। वह चांद सितारों को देखकर गीतों की बात करता था। नदियों और पहाड़ों को देखकर ऊंचे-ऊंचे सुर लगाता था। समंदर की लहरें उसे किसी साज के जैसे नजर आती थीं। वह उनकी आवाज के साथ अपने गीतों का तालमेल बैठाता था। वो एक ऐसा इंसान था जो किसी की भी ज़िन्दगी में पल में रंग भर देता था।
मीर मलिक यानी रॉकस्टार मीर… जिसके गानों की एलबम ‘‘इश्क़ मुबारक’’ ने तहलका मचाया हुआ था। युवाओं की ज़ुबां पर उसका ये गाना चढ़ा हुआ था। उसकी आवाज़ का जादू सिर चढ़कर बोल रहा था। तमाम संघर्षों के बाद उसे ये मुक़ाम हासिल हुआ था।[adinserter block=”1″]
मुम्बई के लिए फ़्लाइट रवाना होने वाली थी और वह बाहर नीले आसमान से न जाने क्या बातें कर रहा था।
‘‘एक्सक्यूजमी! इज दिस योर बैग?’’- 25-26 साल की एक लड़की के इस सवाल ने मीर को सोच की मुद्रा से बाहर निकाला।
मीर ने उसकी तरफ़ देखा। ठीक-ठाक हाइट वाली एक लड़की पीठ पर बैग टाँगे हुए थी। ब्लैक टॉप-जींस पहने हेडफोन लगाये हुए।
मीर कुछ कहता तब तक फिर उसने कहा- ‘‘एक्चुयली दिस इज माय सीट… कैन यू प्लीज शि़फ्ट योर बैग।’’
‘‘ओह सॉरी… यू प्लीज सिट।’’- मीर ने सीट से छोटा-सा बैग उठाते हुए कहा।
‘‘थैंक यू सो मच।’’- लड़की ये कहते हुए सीट पर बैठ गयी।
मीर ने बैग सामने वाली कुर्सी के नीचे रख दिया। इसमें वह एक डायरी रखता था जिसमें गाने लिखे होते थे। कंसर्ट की डेट के लिए एक दूसरी डायरी, एक दो किताबें, पेन और माँ की एक तस्वीर रखता था। केवल माँ की तस्वीर इसलिए क्योंकि पिताजी की कोई तस्वीर उसके पास थी ही नहीं। कुछ देर सामने देखने के बाद फिर वह विंडो से बाहर देखने लगा।
फ़्लाइट में एयर होस्टेस सुरक्षा उपकरणों और दिशा-निर्देशों की जानकारी दे रही थी। तभी पास बैठी लड़की ने मीर की तरफ़ अपना चेहरा घुमाया। वो काफी देर तक मीर के चेहरे को देखती रही। मीर ने अपने लम्बे बालों को चेहरे पर आने से रोकने के लिये हाथ से बुना हुआ कैप लगाया हुआ था। ब्लैक टीशर्ट के ऊपर उसने लेदर जैकेट पहनी थी, साथ में घुटनों के पास से फटी हुई जींस।[adinserter block=”1″]
लड़की को ये चेहरा कुछ जाना-पहचाना सा लगा और काफी देर बाद उसे ये समझ आ गया कि वो जिस गाने को सुनती हुई फ़्लाइट में दाख़िल हुई थी वो दरअसल इसी इंसान ने गाया है। उसने एक झटके में हेडफोन निकाला और मीर की तरफ उँगली से चुटकी बजाते हुए कहा- ‘‘मीर… रॉकस्टार मीर।’’ योयो हनी सिंह की तरह मीर भी रॉकस्टार मीर के नाम से ही फ़ेमस हो रहा था।
मीर ने जब अपना नाम सुना तो चेहरा घुमाया और लड़की को देखा। तब तक उसने फिर से कहा- ‘‘आप मीर हैं न जिन्होंने इश्क़ मुबारक गाना गाया है।’’
‘‘यस’’- मीर ने कहा।
‘‘हाय! माय सेल्फ साहिबा… साहिबा नूर।’’- उस लड़की ने मीर की तरफ़ हाथ बढ़ाते हुए कहा।
मीर ने हाथ मिलाया और पूछा- ‘‘कैसे पहचाना आपने मुझे?’’
‘‘अरे सर आपको कौन नहीं पहचानता है, आप ही छाये हुए हैं आजकल, हर तरफ जलवा है और आप जब एक साल पहले नोएडा युनिवर्सिटी में आये थे न तो मैं आयी थी आपके कॉन्सर्ट में।’’
‘‘रीयली?’’- मीर ने पूछा।[adinserter block=”1″]
‘‘यस… तब पहली बार आपको लाइव सुना था; आपके सारे गाने मुझे पसंद हैं… वो गाना है न आपका ‘‘तेरी ज़ुल्फ़ें जैसे आसमां में काली घटा’’ मेरा फ़ेवरेट है।’’
‘‘थैंक यू सो मच… लेकिन आपने मेरा नया गाना सुना ‘‘इश्क़ मुबारक’’।
‘‘सर आप यकीन नहीं करेंगे, अभी फ़्लाइट में आते वक्त वही गाना मैं सुन रही थी।’’
‘‘दैट्स गुड यार, इट्स अ लव एंथम, बहुत मन से गाया है और बहुत प्यार मिला है इस गाने को।’’
‘‘इसमें कोई शक नहीं है सर।’’
‘‘वैसे आप मीर कह सकती हैं मुझे, सर बहुत फॉर्मल लगता है।’’
‘‘अरे आप इतने बड़े आदमी हैंनाम लेना अच्छा नहीं लगता।’’
‘‘ऐसा कुछ नहीं है, मैं बहुत साधारण आदमी हूँ, आप नाम लेंगी तो मुझे अच्छा लगेगा।’’ – मीर ने कहा।
‘‘ठीक है फिर … मीर साहब।’’- लड़की ने हँसते हुए कहा और मीर के चेहरे पर भी थोड़ी मुस्कान आयी।
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डाउनलोड लिंक (इश्क़ मुबारक | Ishq Mubarak PDF Download) नीचे दिए गए हैं
हमने इश्क़ मुबारक | Ishq Mubarak PDF Book Free में डाउनलोड करने के लिए Google Drive की link नीचे दिया है , जहाँ से आप आसानी से PDF अपने मोबाइल और कंप्यूटर में Save कर सकते है। इस क़िताब का साइज 1.4 MB है और कुल पेजों की संख्या 98 है। इस PDF की भाषा हिंदी है। इस पुस्तक के लेखक कुलदीप राघव / Kuldeep Raghav हैं। यह बिलकुल मुफ्त है और आपको इसे डाउनलोड करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह किताब PDF में अच्छी quality में है जिससे आपको पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आशा करते है कि आपको हमारी यह कोशिश पसंद आएगी और आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ इश्क़ मुबारक | Ishq Mubarak की PDF को जरूर शेयर करेंगे।
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