पुस्तक का विवरण (Description of Book of फक्कड़ घुमक्कड़ के किस्से : यात्रा और स्वाद की अनंत कथाएं / Fakkad Ghumakkad ke kisse PDF Download) :-
नाम 📖 | फक्कड़ घुमक्कड़ के किस्से : यात्रा और स्वाद की अनंत कथाएं / Fakkad Ghumakkad ke kisse PDF Download |
लेखक 🖊️ | कमल रामवाणी / KAMAL RAMWANI |
आकार | 3.5 MB |
कुल पृष्ठ | 268 |
भाषा | Hindi |
श्रेणी | यात्रा वृतांत |
Download Link 📥 | Working |
घुमक्कड़ी और भारत के विभिन्न शहरो की गलियों के स्वादों पर लिखी गयी इस पुस्तक में कुल 224 पन्ने है जिसमे 216 पन्ने BW और 8 पन्ने रंगीन है। यह पुस्तक आपको बनारस, इंदौर, अजमेर, चित्तौर, कुंभलगढ़, मुरथल, अम्बाला, कुरुक्षेत्र, लुधियाना और पुष्कर की गलियों और स्वादों से रूबरू करवाएगी, वहीँ आपको हिमाचल के सुदूर इलाको जैसे घियाघी , सैंज , तीर्थन और पार्वती वेली घुमाएगी । पुस्तक में कुल 8 चेप्टर है । ये पुस्तक एक तरह से इन शहरों के भ्रमण के दौरान आपके लिए गाइड का काम करेगी।
इस किताब में आप मेरे साथ हंसते खेलते खुद को कभी इन शहरों की तंग गलियों में स्कूटर पर फंसा पाएंगे तो कभी आप मेरे साथ सुबह सुबह कचौड़ी उड़ा रहे होंगे। कभी मेरे साथ गंगा नदी के घाट पर आंख मूंद शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरिया सुनेंगे तो कभी पुष्कर का मालपुआ साथ खाएंगे। कभी होटल ना मिलने से देर रात तक मेरे साथ सड़को पर भटकेंगे तो कभी मेरे साथ गुदगुदाएंगे।
मेरे जीवन की इस पहली पुस्तक को देश की नामचीन हस्तियों का आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं मिली है वो भी इस पुस्तक में संकलित है।
मानवीय त्रुटी रहना संभव है लेकिन मैंने अपनी तरफ से इस पुस्तक को अपना बेस्ट देने का प्रयास किया है , फिर वो कंटेंट हो , हैडिंग्स हो, प्रूफ रीड, या पेज़ सेटिंग्स। दिल से बताऊं तो एक साल की कड़ी से कड़ी मेहनत का नतीजा है ये पुस्तक।
पुस्तक का कुछ अंश :-
घूमने के 2 तरीके हैं! एक तो बनी बनाई आइटनेरी-गतलब यात्रा प्लाना कब जाना है, कब पहुँचना है, टैक्सी बुक, होटल बुक, मिनट से मिनट शेड्यूल पहले से फाइनल जैसा कि 90 प्रतिशत लोग घूमते हैं। इस प्रकार की यात्राओं में जहाँ जाना है वह जगह यानी डेस्टिनेशन महत्वपूर्ण होता है, जीं मतलब, यात्रा नहीं। ये यात्राएँ आमतौर पर परिवार के साथ की जाती हैं और काफ़ी खर्चीली होती हैं क्योंकि परिवार के साथ आप गए हुए हैं तो आप किसी चीज़ में समझौता नहीं करते, करना भी नहीं चाहिए। इनका उद्देश्य टूरिज्म होता है ट्रैवलिंग नहीं।
टूरिज़्म और ट्रैवलिंग दोनों बिल्कुल अलग चीजें हैं। दूसरा तरीका होता है 'अनप्लांड-जर्नी'| बिना किसी योजना के, इसमें सिर्फ आने-जाने के टिकट्स बुक होते हैं कि इस दिन यहाँ पहुँचना है और फिर यहीं से निकलना है जैसे- चंडीगढ़ या हरिद्वार 1 को जाऊँगा 15 को वापस आऊँगा।
चंडीगढ़ और हरिद्वार का उदाहरण लेने का कारण ये है कि चंडीगढ़ हिमाचल का 'एंट्री-पॉइंट' है तो हरिद्वार उत्तराखंड का| और ये बीच के 15 दिन कौन से स्टेशन, कौन से हिल स्टेशन, कौन से गाँव में बिताए जाएँगे या किसी पहाड़ी गाँव में आपका मन लग गया और आपने वही ऊँघते सुस्ताते 5 दिन बिता दिए।
ऐसी यात्राएँ 'कम्फर्ट-जोन' से दूर होती हैं और बहुत सस्ती और सुस्ती भरी होती हैं, लेकिन असल घुमक्कड़ी असल फक्कड़ी यही है। असली आनंद भी यही है। ऐसी यात्राएँ लोग अकेले करते हैं, कोई बोझ लादकर नहीं चलते इसे ही 'सोलो-ट्रैवलिंग' या 'बैक्पैकर-ट्रैवलिंग' कहते हैं जो कि इन दिनों बहुत 'पॉपुलर' हो रही है। ये लोग लोकल ट्रांसपोर्ट यूज़ करते हैं, सस्ते डोरमेट्री में स्टे करते हैं, खाना खाने के लिए मँहगे रेस्टोरेंट की बजाय ढाबों को चुनते हैं। यात्रा के दौरान ही नए दोस्त बनाते हैं जो उनको और आस-पास की नई घूमने की जगहें बता देते हैं। गिलकर टैक्सियाँ शेयर कर लेते हैं। एक अलग ही दुनिया एक अलग ही कम्युनिटी है ये। कभी गौर किया है बाइक……
डाउनलोड लिंक (फक्कड़ घुमक्कड़ के किस्से : यात्रा और स्वाद की अनंत कथाएं / Fakkad Ghumakkad ke kisse PDF Download) नीचे दिए गए हैं :-
हमने फक्कड़ घुमक्कड़ के किस्से : यात्रा और स्वाद की अनंत कथाएं / Fakkad Ghumakkad ke kisse PDF Book Free में डाउनलोड करने के लिए लिंक नीचे दिया है , जहाँ से आप आसानी से PDF अपने मोबाइल और कंप्यूटर में Save कर सकते है। इस क़िताब का साइज 3.5 MB है और कुल पेजों की संख्या 268 है। इस PDF की भाषा हिंदी है। इस पुस्तक के लेखक कमल रामवाणी / KAMAL RAMWANI हैं। यह बिलकुल मुफ्त है और आपको इसे डाउनलोड करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह किताब PDF में अच्छी quality में है जिससे आपको पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आशा करते है कि आपको हमारी यह कोशिश पसंद आएगी और आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ फक्कड़ घुमक्कड़ के किस्से : यात्रा और स्वाद की अनंत कथाएं / Fakkad Ghumakkad ke kisse को जरूर शेयर करेंगे। धन्यवाद।।Answer. कमल रामवाणी / KAMAL RAMWANI
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