पुस्तक का विवरण (Description of Book of भगत सिंह की जेल नोटबुक / Bhagat Singh Jail Note Book PDF Download) :-
नाम 📖 | भगत सिंह की जेल नोटबुक / Bhagat Singh Jail Note Book PDF Download |
लेखक 🖊️ | भगत सिंह / Bhagat Singh |
आकार | 23.6 MB |
कुल पृष्ठ | 341 |
भाषा | Hindi |
श्रेणी | डायरी |
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भगत सिंह की ‘जेल नोटबुक’ सुप्रसिद्ध विचारकों और दार्शनिकों के विचारों को लेकर उनकी पड़ताल का एक नया मार्ग खोलती है। एक जिज्ञासु और पढ़ने की भूख रखनेवाले व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध; भगत सिंह ने जेल में सजा काटने के दौरान अपनी पसंद के जाने-माने लेखकों की चुनिंदा पुस्तकों को बड़ी संख्या में जुटा लिया था। उन किताबों के जिन अंशों; नोट्स और उक्तियों को उन्होंने अपनी जेल नोटबुक में लिखा; वे न सिर्फ उस गंभीरता का परिचय देते हैं; जिनसे वह उन पुस्तकों को पढ़ा करते थे; बल्कि उनकी बौद्धिक गहराई और सामाजिक तथा राजनीतिक चिंताओं का प्रदर्शन भी करते हैं। भगत सिंह नोटबुक में नोट्स या कोई उक्ति लिखते समय उसके पूरे संदर्भ को दर्ज करने के प्रति ज्यादातर लापरवाह ही रहते थे; जिसके कारण बहुत सी भ्रांतियाँ उत्पन्न हुई हैं और उनके प्रति गहरा सम्मान रखनेवाले विद्वानों की ओर से इस बारे में काल्पनिक दावे और बेबुनियाद अनुमान सामने आए हैं। इसमें ऐसी बातें हैं कि भगत सिंह ने जेल में किन महान् विचारकों की कितनी किताबें और कितनी मौलिक रचनाओं का अध्ययन किया था।
अपनी इस पुस्तक ‘जेल नोटबुक: संदर्भ और प्रासंगिकता’ में हरीश जैन भगत सिंह के काम को आगे बढ़ाते हुए उनके द्वारा नोटबुक में दर्ज सूत्रों और उक्तियों के मूल स्रोतों को ढूँढ़ने; उनकी पढ़ी पुस्तकों को तलाशने और हर उक्ति विशेष और सूत्र को प्रामाणिकता प्रदान करने के लिए जो कार्य करते हैं उसमें उनकी असाधारण रूप से पुष्ट और श्रमसाध्य खोज और अनुसंधान की झलक दिखाई देती है। एक दशक से भी अधिक समय तक लेखक की ओर से की गई खोज की कहानी; युक्तिपूर्ण अनुमान और सूझ-बूझ से किताबों की खोज और पहचान; तथा उस समय उपलब्ध कई संभावित किताबों को खँगालने की प्रक्रिया; जिनमें से कई अब आसानी से उपलब्ध भी नहीं हैं; एक दिलचस्प अध्ययन है। उस समय के विभिन्न लेखकों के विचारों तक पहुँच और उनके महत्त्व को संदर्भ से जोड़कर आप समझ सकते हैं कि क्यों उनका भगत सिंह के लिए इतना महत्त्व रहा होगा। उन्होंने जिन किताबों को पढ़ा उनके मूल विचारों पर चर्चा के अलावा यहाँ उन उक्तियों के महत्त्व को विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है; जिन्हें भगत सिंह की ओर से नोटबुक में दर्ज किया गया था। यह अपनी तरह की अनोखी रचना है। इसका अध्ययन ज्ञान को समृद्ध करने के साथ ही आनंद का अनुभव भी कराता है।
शहीद भगत सिंह की अध्ययन-शीलता और रुचि-अभिरुचि का दिग्दर्शन कराती ऐतिहासिक महत्त्व की पठनीय पुस्तक।
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पुस्तक का कुछ अंश
सबसे बड़े इनाम की प्रतीक्षा में
य ह 1930 की जुलाई का आखिरी रविवार था। भगत सिंह हम सबसे मिलने लाहौर सेंट्रल जेल से बोर्स्टल जेल आए थे। वे ऐसा अकसर किया करते थे। अन्य आरोपियों के साथ बचाव की दलीलों पर चर्चा करने की उनकी याचिका सरकार द्वारा मान लिये जाने के चलते उन्हें यह सुविधा मिल गई थी। उनके साथ राजनीतिक मुद्दों पर बात हमारे उन फैसलों की ओर मुड़ गई, हम उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे थे। हम सभी विनोदपूर्वक एक-दूसरे के संबंध में फैसले सुनाने लगे। इसमें राजगुरु व भगत सिंह शामिल नहीं थे। हम जानते थे कि उन्हें फाँसी होनेवाली है।
भगत सिंह ने मुसकराते हुए हमसे पूछा, ‘‘मेरा और राजगुरु का क्या होगा?क्या हम बरी हो जाएँगे?’’
कोई कुछ नहीं बोला।
उन्होंने फुसफुसाते हुए कहा, ‘‘सच का सामना करो।’’
सभी खामोश रहे।
हमारे इस मौन पर हँसते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमें मृत्यु होने तक फाँसी पर लटकाए रखा जाएगा। यही सच है साथियो। मैं जानता हूँ। आप सब भी जानते हैं, तो इससे मुँह क्यों फेर रहे हो?’’
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उस समय तक भगत सिंह अपने रूप में आ चुके थे। वे मंद स्वर में बोल रहे थे। वे इसी शैली में बोलते थे। सुननेवालों को लगता था, मानो वे कोई मनुहार कर रहे हों। जोर से बोलना उनकी फितरत में नहीं था, और शायद उनकी यही खूबी उनकी सबसे बड़ी ताकत थी।
उन्होंने अपनी सुपरिचित शैली में बोलना जारी रखा, ‘‘यह देशभक्ति का सबसे बड़ा इनाम है। इसे हासिल करना मेरे लिए गर्व की बात है। उन्हें लगता है कि मेरे शरीर को मारकर वे इस देश में सुरक्षित हो जाएँगे। वे गलत हैं। वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को नष्ट कर देंगे, लेकिन वे मेरी आत्मा को नष्ट नहीं कर पाएँगे। जब तक वे यहाँ से भाग नहीं जाते, तब तक मेरे ये विचार ब्रिटिशों को भयभीत करते रहेंगे।’’
भगत सिंह पूरे जोश से बोल रहे थे। कुछ क्षण के लिए, हम सब इस बात को बिल्कुल भूल गए कि हमारे सामने बैठा यह व्यक्ति हमारा ही एक साथी है। उन्होंने कहाः
‘‘लेकिन यह तसवीर का केवल एक रुख है। इसका दूसरा रुख और भी शानदार है। हमें गुलाम बनानेवाले इन ब्रिटिशों के लिए जीवित भगत सिंह से मृत भगत सिंह कहीं अधिक खतरनाक साबित होगा। मुझे फाँसी होने के बाद मेरे क्रांतिकारी विचारों की सुगंध हवाओं के जरिये हमारी इस खूबसूरत धरती पर हर ओर फैल जाएगी। इसके प्रभाव में आकर हमारे देश के युवा स्वतंत्रता व क्रांति के दीवाने हो उठेंगे और इससे इन साम्राज्यवादी ब्रिटिशों का अवसान और निकट आ जाएगा। ऐसा मेरा दृढ विश्वास है। मुझे उस दिन का बेचैनी से इंतजार है, जब मुझे अपने देश की सेवा और देशवासियों से प्रेम के लिए वह सबसे बड़ा इनाम प्राप्त होगा।’’
—शिव वर्मा
‘फ्रॉम चापेकर्स टू भगत सिंह’ म
डाउनलोड लिंक (भगत सिंह की जेल नोटबुक / Bhagat Singh Jail Note Book PDF Download) नीचे दिए गए हैं :-
हमने भगत सिंह की जेल नोटबुक / Bhagat Singh Jail Note Book PDF Book Free में डाउनलोड करने के लिए लिंक नीचे दिया है , जहाँ से आप आसानी से PDF अपने मोबाइल और कंप्यूटर में Save कर सकते है। इस क़िताब का साइज 23.6 MB है और कुल पेजों की संख्या 341 है। इस PDF की भाषा हिंदी है। इस पुस्तक के लेखक भगत सिंह / Bhagat Singh हैं। यह बिलकुल मुफ्त है और आपको इसे डाउनलोड करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह किताब PDF में अच्छी quality में है जिससे आपको पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आशा करते है कि आपको हमारी यह कोशिश पसंद आएगी और आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ भगत सिंह की जेल नोटबुक / Bhagat Singh Jail Note Book को जरूर शेयर करेंगे। धन्यवाद।।Answer. भगत सिंह / Bhagat Singh
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