पुस्तक का विवरण (Description of Book of अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ PDF | Ashtanga Hridayam Ayurveda Grantha PDF Download) :-
नाम 📖 | अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ PDF | Ashtanga Hridayam Ayurveda Grantha PDF Download |
लेखक 🖊️ | महर्षि वाग्भट्ट / Maharishi Vagbhata |
आकार | 73 MB |
कुल पृष्ठ | 388 |
भाषा | Hindi |
श्रेणी | आयुर्वेद / Ayurveda, स्वास्थ्य / Health |
Download Link 📥 | Working |
आयुर्वेदीय वाङ्मय का इतिहास ब्रह्मा, इन्द्र आदि देवों से सम्बन्धित होने के कारण अत्यन्त प्राचीन, गौरवास्पद एवं विस्तृत है।लोकोपकार की दष्टि से इस विस्तत आयर्वेद को बाद में आठ अंगों में विभक्त कर दिया गया। तब से इसे ‘अष्टांग आयुर्वेद’ कहा जाता है। इन अंगों का विभाजन उस समय के आयुर्वेदज्ञ महर्षियों ने किया। कालान्तर में कालचक्र के अव्याहत आघात से तथा अन्य अनेक कारणों से ये अंग खण्डित होने के साथ प्रायः लुप्त भी हो गये। शताब्दियों के पश्चात् ऋषिकल्प आयुर्वेदविद् विद्वानों ने आयुर्वेद के उन खण्डित अंगों की पुन: रचना की। खण्डित अंशों की पूर्ति युक्त उन संहिता ग्रन्थों को प्रतिसंस्कृत कहा जाने लगा, जैसे कि आचार्य दृढ़बल द्वारा प्रतिसंस्कृत चरकसंहिता। इसके अतिरिक्त प्राचीन खण्डित संहिताओं में भेड(ल)संहिता तथा काश्यपसंहिता के नाम भी उल्लेखनीय हैं।
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पुस्तक का कुछ अंश
इस विषय में आत्रे आदि महर्षियों ने प्रकृति कहा था। वक्तव्य महर्षि वाग्भट का कथा है की प्रसूत तंत्र में जो कुछ भी कहा गया है, वह महर्षि आत्रे तथा धन्वंतरि आदि महर्षियों के वचनों के और भी कहा गया है। ये आप पुरुष थे, क्योंकी प्रमाणिकता आपतापुरुषों के वचनों में ही होते हैं। इसली हमने उसी महर्षियों के वचनों का अनुभव किया है, और हमारे तंत्र में भी कोई अप्रामाणिक विषय नहीं आया है, इसली हम (वाग्भट) भी आप (प्रामाणिक) हैं। इसली अष्टांगसंग्रह में वाग्भट ने कहा है- न मातृमात्रमप्यात्र किंचिदागमावर्जितं। (ए.सान. 1122) अर्थ ग्रंथ में मातृ (ए, आ, बिंदु, विसर्ग) आदि भी आगम (शास्त्र) से अतिरिक्त नहीं है अर्थ जो भी कहा या लिखा गया है, वह सब शास्त्रानुकूल ही है कथा है ने अपने को तथा अपने ग्रंथ को प्रमाणिक सिद्ध किया है।
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हमने अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ PDF | Ashtanga Hridayam Ayurveda Grantha PDF Book Free में डाउनलोड करने के लिए लिंक नीचे दिया है , जहाँ से आप आसानी से PDF अपने मोबाइल और कंप्यूटर में Save कर सकते है। इस क़िताब का साइज 73 MB है और कुल पेजों की संख्या 388 है। इस PDF की भाषा हिंदी है। इस पुस्तक के लेखक महर्षि वाग्भट्ट / Maharishi Vagbhata हैं। यह बिलकुल मुफ्त है और आपको इसे डाउनलोड करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह किताब PDF में अच्छी quality में है जिससे आपको पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आशा करते है कि आपको हमारी यह कोशिश पसंद आएगी और आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ PDF | Ashtanga Hridayam Ayurveda Grantha को जरूर शेयर करेंगे। धन्यवाद।।Answer. महर्षि वाग्भट्ट / Maharishi Vagbhata
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